जब अपने मवेशियों को बचाने बाघ से लड़ गया एक चरवाहा

 जब अपने मवेशियों को बचाने बाघ से लड़ गया एक चरवाहा

मवेशियों को बचाने के लिए बाघ से भिड़ गया चरवाहा फिर जो हुआ वो हैरान कर देगा,,

उमरिया। भारत के जंगलों में बाघों की दहाड़ खौफ का पर्याय कहलाती है। इस विडाल के सामने किसी की कोई बिसात नहीं। वहीं अगर बाघ टाइगर स्टेट मप्र के बांधवगढ़ के हों तो सामने पड़ने वाले का बच पाना नामुमकिन है। हाल ही में उमरिया जिले के बांधवगढ़ नेशनल पार्क में आग लग लगी थी। जिससे वन्यजीवन काफी अस्तव्यस्त भी हुआ था। लेकिन वन मंत्री विजय शाह बांधवगढ़ नेशलपार्क की आग पर बाघों को किसी और प्रदेश में भेजने की बात कह गए।

बाद में सुधारते हुए जिलों में भेजना जोड़ा। बहरहाल आग पर काबू पाने के बाद अब जानवर अटैकिंग मोड़ में दिख रहे हैं। एक तेंदुए की मौत के बाद जिसे बाघ के द्वारा मारा जाना बताया जा रहा है। अब सोमवार को एक चरवाहा मवेशियों को बचाते हुए बाघ से ही भिड़ गया।

बांधवगढ टाइगर रिजर्व के पनपथा कोर जोन में टाइगर ने चरवाहे के ऊपर हमला कर उसे घायल कर दिया। जिसका उपचार मानपुर सामुदायिक स्वास्थ केंद्र में चल रहा है। डॉक्टर बी के प्रसाद बीएमओ मानपुर ने बताया कि हालत खतरे से बाहर है। चरवाहा लल्लू यादव पिता रामकिशोर यादव 26 निवासी कोठिया (पनपथा) ने बताया कि हमेशा की तरह वह मवेसी चराने गांव से लगे जंगल मे गया था। सेहरा तालाब बाटर होल एरिया में दोपहर करीब तीन बजे के आसपास मवेशियों को पानी पिला कर वापस गांव की तरफ लौट ही रहा था। तभी अचानक पीछे से टाइगर ने हमला कर दिया मौके पर मौजूद मवेशियों को टाइगर के चंगुल से किसी तरह बचा लिया। घायल चरवाहे ने घटना की जानकारी फोन के माध्यम से अपने घर वालों को दी साथ ही वन विभाग को भी घटना की जानकारी दी गई टाइगर द्वारा चरवाहे के ऊपर हमला करने की जानकारी लगते ही घर वाले एवं वन अमला मौके पर पहुंचा और घायल को समुचित इलाज के लिए मानपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया।

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