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सोमवार को बहन सुभद्रा को द्वारिका की सैर कराएंगे बलदाऊ और भगवान कृष्ण
मंदिर परिसर में ही निकलेगी भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा।
भगवान का रथ खींचने से मिलता है सौ यज्ञों बराबर पुण्य।
सागर। आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को श्रीदेव वृंदावनबाग मठ में सोमवार को भगवान जगन्नाथ की रथ इस वर्ष भी धूम धाम से निकलेगी। लेकिन कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए इस बार शहर भ्रमण नहीं होगा। महंत श्री नरहरिदास जी ने बताया की रथ यात्रा को लेकर उत्साह में कोई कमी नहीं है हमेशा की तरह मंदिर की साज सज्जा, ठाकुर जी का श्रृंगार, रथ सज्जा, भोग प्रसादी संत सम्मान पूरी धूम धाम से हर कार्य होगा। लेकिन रथ उत्सव मंदिर परिसर में ही मनाया जाएगा। शाम 4 बजे आयोजन होगा जिसे लोगों की उपस्थिति की दृष्टि से सीमित रखा गया है। यहां बता दें कि 800 साल पुराना इतिहास समेटे मंदिर में रथयात्रा की प्रथा अति प्राचीन है।
- सुभद्रा ने की थी द्वारिका दर्शन की इच्छा
रथयात्रा में भगवान जगन्नाथ के अलावा उनके बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा का रथ भी निकाला जाता है। इस रथ यात्रा को लेकर मान्यता है कि एक दिन भगवान जगन्नाथ की बहन सुभद्रा ने उनसे द्वारका के दर्शन कराने की प्रार्थना की थी। तब भगवान जगन्नाथ ने अपनी बहन की इच्छा पूर्ति के लिए उन्हें रथ में बिठाकर पूरे नगर का भ्रमण करवाया था और इसके बाद से इस रथयात्रा की शुरुआत हुई थी।
मान्यताओं के अनुसार, जो भी व्यक्ति इस रथयात्रा में शामिल होकर इस रथ को खींचता है उसे सौ यज्ञ करने के बराबर पुण्य प्राप्त होता है