शराब माफ़िया फैला रहे हैं गलतफहमी शराब बंदी अभियान को मैने नहीं छोड़ा है – उमा भारती

 शराब माफ़िया फैला रहे हैं गलतफहमी शराब बंदी  अभियान को मैने नहीं छोड़ा है – उमा भारती

शराब माफ़िया फैला रहे हैं गलतफहमी शराब बंदी अभियान को मैने नहीं छोड़ा है – उमा भारती

बंगाल चुनाव से लेकर कोरोना और शराब बंदी से होते हुए पृथक बुंदेलखंड तक हुए सवालों पर उमाभारती का बेबाक अंदाज़।

सागर। पूर्व मुख्यमंत्री उमाभारती ने शराब बंदी को लेकर बाद बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि मेरा अभियान जारी है शराब बंदी से पीछे हटने का झूठ शराब मेफ़िया फैला रहे हैं। सागर जिले की सुरखी विधान सभा से मिली सिंधिया समर्थक मंत्री गोविंद सिंह को उपचुनावों में जीत का आभार प्रकट करने जैसीनगर पहुंची उमा भारती ने सभा से पहले पत्रकारों से चर्चा की इस दौरान उन्होंने बंगाल चुनाव में जाने की बात कही और कैलाश विजयवर्गीय की तारीफ करते हुए कहा कि वे कैलाश पर्वत की तरह ही डटे हुए हैं।

उन्होंने सुरखी की जनता का आभार भी व्यक्त किया। शराब बंदी को लेकर उनके अभियान के ठंडे पड़ने को लेकर उमा भारती का जवाब इस तरफ इशारा करता दिखाई दिया है कि उनके अभियान में शराब कारोबार को अनुशासित करने की योजना छिपी है जिससे कि शराब कारोबार में हो रहे लीकेज बंद हो सके। उन्होंने शराब को लेकर साफ तौर पर तीन चरणों में काम करने को कहा है पहले तो ” अवैध शराब को बंद कराना ताकि राजस्व की हानि न हो” दूसरा शराब बंदी से लोग अपमान व अन्य कारणों से स्वयं शराब छोड़ें” वहीं तीसरी बात उन्होंने साफ तौर पर राजस्व की क्षतिपूर्ति की कही है। हालांकि उन्होंने दमोह में जीत के लिए भाजपा उनसे जो कहेगी वह मदद करने की बात कही है।

कोरोना लगना होगा तो लग ही जायेगा – उमा

होली के त्योहार पर कोरोना को लेकर मुख्यमंत्री की अपील पर कांग्रेस के होली मानकर कोरोना खत्म हुई कि प्रार्थना करने के सवाल पर उमा ने कहा है कि कोरोना जिसको लगना होगा उसे तो लग ही जायेगा। अगर वो नहीं मानेंगे तो ये अछि बात नहीं है कोरोना काई कोड यफ कंडक्ट नहीं है। कोरोना एक खतरा है। इसलिए में कांग्रेस के लोगों से कहती हूँ हुज्जत मत किया करो चलो न दमोह में चुनाव लड़ो कोरोना में क्या लड़ना।

बुंदेलखंड राज्य जनता पर थोपा नहीं जा सकता

उमा भारती ने कहा है कि बुंदेलखंड को अलग से राज्य बनाने के समर्थन में मध्यप्रदेश के लोग नहीं हैं। लेकिन जब में यूपी से सांसद थी तब यह बात सामने आई थी। हमारी पार्टी इस बात को मानती है कि छोटे राज्यों से प्रशासित व्यवस्थाएं अच्छी तरह चलती हैं। इसलिए पृथक बुंदेलखंड संगठन बना दिया था। लेकिन जब नक्शे की बात आई तो लोगों ने कहा कि हम धरने पर बैठ जाएंगे हमे अलग नहीं होना। जबरजस्ती बिना जन समर्थन के राज्य नहीं बन सकता। इसलिए बुंदेलखंड के आंदोलनकारी यह तय करलें कि उनको इसके पक्ष में माहौल कैसे बनाना है। तब तक मैं राजनैतिक दृष्टि से टिप्पणी नहीं कर सकती।

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