जाने विकास दुबे की गिरफ्तारी से लेकर एनकाउंटर की पूरी कहानी

 जाने विकास दुबे की गिरफ्तारी से लेकर एनकाउंटर की पूरी कहानी

उत्तरप्रदेश पुलिस को चुनौती देने वाले और कानपुर पुलिस के 8 जवानों की हत्या करने वाले कुख्यता अपराधी विकास दुबे का आखिरकार आज एनकाउंटर हो गया है. कानपुर हत्याकांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे को एसटीएफ ने मार गिराया है. विकास दुबे को मध्यप्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद विकास दुबे को कानपुर लाया जा रहा था. विकास दुबे को उत्तरप्रदेश की एसटीएफ पुलिस कानपुर ला रही थी, लेकिन रास्ते में उनका वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया. उसी दौरान विकास दुबे पुलिसकर्मियों से हथियार छीनकर भागने लगा, लेकिन जबावी कार्रवाई में पुलिस ने विकास दुबे को गोली मार दी. गोली लगने से गंभीर रूप से घायल विकास को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

मध्यप्रदेश के उज्जैन में ऐसे हुआ था गिरफ्तार

उत्तरप्रदेश की पुलिस विकास दुबे को यूपी, राजस्थान, हरियाणा सहित अन्य राज्य में तलाश कर रही थी लेकिन विकास दुबे मध्यप्रदेश के उज्जैन में धरा गया. जानकारी के अनुसार विकास दुबे गुरुवार की सुबह साढ़े सात बजे करीब उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर के दर्शन करने पहुंचा, उसी दौरान एक दुकानदार ने उसे पहचान लिया और मंदिर की सुरक्षा में लगे एक सुरक्षाकर्मी को विकास दुबे के मंदिर में होने की सूचना दी. जिसके बाद सुरक्षाकर्मी ने पुलिस को तुरंत विकास दुबे की जानकारी दी. जिसके बाद उज्जैन पुलिस मंदिर के बाहर पहुंची और जैसे ही विकास दुबे मंदिर से बाहर आया पुलिस ने उसे दबौंच लिया और पूछताछ की, पूछताछ में पुलिस ने उससे ID मांगी लेकिन वह ID नहीं दे पाया और उसकी पुलिस से बहस हो गई. जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. उज्जैन पुलिस जब से पुलिस थाने ले जा रही थी, तब विकास जोर-जोर से चिल्ला रहा था की मैं विकास दुबे हूं. कानपुर वाला. विकास दुबे की गिरफ्तारी की सूचना पूरे देश में आग की तरह फैल गई.

गुरूवार की शाम को विकास दुबे को मध्यप्रदेश पुलिस ने उत्तरप्रदेश को सौंप दिया. जिसके बाद यूपी एसटीएफ की टीम विकास को उज्जैन से कानपुर ले जाने के लिए रवाना हुई. लेकिन आज शुक्रवार को एसटीएफ के काफिले के एक्सीडेंट की खबर आई, जिसमें विकास दुबे ने भागने की कोशिश की जिसकी जबावी कार्रवाई में विकास दुबे को मार गिराया.

विकास पर थे कई मामले दर्ज

विकास दुबे के खिलाफ करीब 60 अपराधिक मामले दर्ज थे. विकास दुबे पर 2001 में राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की हत्या का भी आरोप था. 2000 में कानपुर में विकास ने ताराचंद इंटर कॉलेज के सहायक प्रबंधक सिद्घेश्वर पांडेय की भी हत्या की थी. विकास दुबे पर हत्या, डकैती, लूट जैसे कई गंभीर आरोप थे.

विकास दुबे की सरगर्मी से तलाश

उत्तरप्रदेश पुलिस की करीब 100 से अधिक टीमें विकास दुबे की तलाश में जुटी हुई थी. पुलिस ने यूपी की सभी सीमाओं को सील कर दिया था, जगह-जगह विकास दुबे के पोस्ट लगा दिए गए थे. उत्तरप्रदेश पुलिस ने विकास दुबे पर 5 लाख रूपये का इनाम रखा है.

मामले में तीन पुलिसकर्मी निलंबित

कानपुर एनकाउंटर मामले में कानपुर पुलिस ने तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित किया था. तीनों पुलिसकर्मियों पर विकास दुबे को पुलिस की रेड़ की सूचना देने का आरोप था. कानपुर IG दिनेश कुमार पी ने चाैबेपुर पुलिस थाने में तैनात दरोगा कुंवर पाल, दरोगा कृष्ण कुमार शर्मा और सिपाही राजीव को निलंबित कर दिया है. पुलिस को विकास दुबे की काॅल डिटेल्स में तीनों पुलिसकर्मियों के नंबर मिले थे. मुठभेड़ से पहले पुलिसर्मियों की आरोपी विकास दुबे से बातचीत हुई थी.

प्रशासन ने किया विकास दुबे का घर जमींदोज

यूपी पुलिस ने विकास दुबे पर कार्रवाई करते हुए विकास दुबे के बिकरू गांव स्थित उसके घर को उसी की जेसीबी मशीन से जमींदोज कर दिया था. पुलिस ने विकास दुबे के घर से भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री भी बरामद की थी, इतना ही नही पुलिस ने घर की दीवारों में चुने हुए हथियार भी अपने कब्जे में लिए थे.

शहीद पुलिसकर्मियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ खुलासा

कानपुर एनकाउंटर में शहीद हुए 8 पुलिसकर्मियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार SHO देवेंद्र मिश्र के सर में गोली मारी गई थी और उनके पैर कुल्हाड़ी काटे गए थे. वही सिपाही जितेंद्र को AK-47 से गोली मारी गई थी, सब इंस्पेक्टर अनूप कुमार को 7 गोलियां मारी गई थी, वहीं सिपाही बबलू कुमार के माथे और सीने पर गोली दागी गई. सिपाही राहुल को 4 गोलियां मारी गई, सिपाही सुल्तान को 5 गोलियां मारी गई, सब इंस्पेक्टर नेबु लाल को 4 और सब इंस्पेक्टर महेश कुमार यादव को 5 गोलियां मारी गई थी.

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