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आखिर हर्ज ही क्या है मास्क के इस्तेमाल में, अब तो यह भी मान गए
आखिर हर्ज ही क्या है मास्क के इस्तेमाल में, अब तो यह भी मान गए
अमित प्रभु मिश्रा
मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने अब मास्क के उपयोग इसकी अनिवार्यता लेकर सख्ती दिखाई है। हालांकि गूगल पर सर्च करने पर भी मंत्री जी की एकाध ही ऐसी तस्वीर मिलती है जिसमे उन्होंने मास्क पहन रखा हो। वैसे एमपी में सीएम शिवराज सिंह चौहान समेत 3 मंत्री कोरोना संक्रमित हैं। उसके बावजूद एमपी के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा मास्क नहीं पहनते थे। अधिकांश मौकों पर वह बिना मास्क के ही नजर आते थे। कांग्रेस ने घोषणा की थी कि जो व्यक्ति गृह मंत्री को मास्क पहनवा देगा, उसे में 11 हजार रुपये की राशि इनाम में देंगे। बहरहाल खबरों पर गौर करें तो गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा दो तीन दिन से मास्क में ही नजर आ रहे हैं। अब जो भी मास्क नहीं पहनेगा फिर चाहे वह कोई भी हो उसपर कार्रवाई भी होनी तय है।
सागर। देश दुनिया में मास्क पहनना एक विवादास्पद मुद्दा बन गया है। जबकि कोरोना जैसी महामारी के लिए हम इंसान कठिन से कठिन उपाय कर ही रहे हैं। तो ऐसे में यदि 20/25 रुपये का मास्क हम पहMनकर रखते हैं तो हर्ज ही क्या है। इन दिनों मास्क को लेकर लोग उतने सजग नहीं हैं जितना की उन्हें होना चाहिए। इस सजगता से मतलब यह नहीं है की लोग मास्क खरीद नहीं रहे या पहन नहीं रहे। बल्कि इसका आशय है की मंशा क्या है? लोग कोरोना के डर से कम बेइज़्ज़ती और पुलिस कार्रवाई से बचने के लिए मास्क डालकर निकल रहे हैं। जो बेहद चिंताजनक है क्योंकि सागर में कुल 684 मामले सामने आये हैं जिनमे करीब 35 लोगों की मौत हुई है। अब नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के द्वारा “एक मास्क अनेक जिंदगी” जन जागरूकता अभियान का शुभारंभ कर वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से हरी झंडी दिखाकर किया गया है। यहां बता दें की अब यदि मास्क के प्रति लोग जागरूक नहीं होते और इसका उचित इस्तेमाल नहीं करते तब तक इन आंकड़ों को रोक पाना बेहद मुश्किल साबित होगा। कई देशों में भी शुरुआत में मास्क का विरोध हुआ लेकिन जब मामले बढे तो वहां भी लोगों ने मास्क का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। मास्क आपकी सुरक्षा तो करता ही है साथ ही साथ दूसरों को भी आपके द्वारा जाने अनजाने में बीमारी फैलने से रोकता है। इसलिए मास्क का ईस्तेमाल ज़रूर करें और सही ढंग से उसे पहने भी।
– मास्क को लेकर लापरवाही
पहले तो लोग कोई भी मास्क ले लेते हैं जिससे पुलिस कार्रवाई से बचा जा सके। इटनाभि नहीं चौराहों या चेकिंग के वक़्त ही लोगों को मास्क से नाक और मुह ढाँकते हुए देखा गया है। वरना मास्क या तो ठुड्डी पर या कान पर लटकता देखा जाना आम है। वाहीन बात करते वक़्त भी लोग मास्क हटा लेते हैं जो बेहद खतरनाक है। इससे मास्क लगाने न लगाने का कोई अर्थ नहीं रह जाता है।
– गांवों में बिलकुल भी उपयोग नहीं
मास्क का उपयोग गांवों में न के बराबर है। किसान या मजदूर आसपास के शहरों में जाते वक़्त ही मास्क लगा लेते हैं। गांव वापस आने पर इसका इस्तेमाल बिलकुल नहीं किया जाता। कई बार तो मास्क लगाए आदमी को ही लोग चिढाना शुरू कर देते हैं। लिहाजा हम अपील करते हैं की मास्क लगाकर अपनी व दूसरों की ज़िन्दगी बचाएं।